भजन संहिता 111

1 याह की स्तुति करो। मैं सीधे लोगों की गोष्ठी में और मण्डली में भी सम्पूर्ण मन से यहोवा का धन्यवाद करूंगा। 2 यहोवा के काम बड़े हैं, जितने उन से प्रसन्न रहते हैं, वे उन पर ध्यान लगाते हैं। 3 उसके काम का वैभवमय और ऐश्वरर्यमय होते हैं, और उसका धर्म सदा तक बना […]

भजन संहिता 112

1 याह की स्तुति करो। क्या ही धन्य है वह पुरूष जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है! 2 उसका वंश पृथ्वी पर पराक्रमी होगा; सीधे लोगों की सन्तान आशीष पाएगी। 3 उसके घर में धन सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा। 4 सीधे लोगों […]

भजन संहिता 113

1 याह की स्तुति करो हे यहोवा के दासों स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो! 2 यहोवा का नाम अब से ले कर सर्वदा तक धन्य कहा जाय! 3 उदयाचल से ले कर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। 4 यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान है, और उसकी महिमा […]

भजन संहिता 114

1 जब इस्राएल ने मिस्त्र से, अर्थात याकूब के घराने ने अन्य भाषा वालों के बीच में कूच किया, 2 तब यहूदा यहोवा का पवित्र स्थान और इस्राएल उसके राज्य के लोग हो गए॥ 3 समुद्र देखकर भागा, यर्दन नदी उलटी बही। 4 पहाड़ मेढ़ों की नाईं उछलने लगे, और पहाड़ियां भेड़- बकरियों के बच्चों […]

भजन संहिता 115

1 हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन अपने ही नाम की महिमा, अपनी करूणा और सच्चाई के निमित्त कर। 2 जाति जाति के लोग क्यों कहने पांए, कि उनका परमेश्वर कहां रहा? 3 हमारा परमेश्वर तो स्वर्ग में हैं; उसने जो चाहा वही किया है। 4 उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की […]

भजन संहिता 116

1 मैं प्रेम रखता हूं, इसलिये कि यहोवा ने मेरे गिड़गिड़ाने को सुना है। 2 उसने जो मेरी ओर कान लगाया है, इसलिये मैं जीवन भर उसको पुकारा करूंगा। 3 मृत्यु की रस्सियां मेरे चारोंओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा। 4 तब मैं ने यहोवा से […]

भजन संहिता 117

1 हे जाति जाति के सब लोगोंयहोवा की स्तुति करो! हे राज्य राज्य के सब लोगो, उसकी प्रशंसा करो! 2 क्योंकि उसकी करूणा हमारे ऊपर प्रबल हुई है; और यहोवा की सच्चाई सदा की है याह की स्तुति करो!

भजन संहिता 118

1 हे जाति जाति के सब लोगों यहोवा की स्तुति करो! हे राज्य राज्य के सब लोगो, उसकी प्रशंसा करो!क्योंकि उसकी करूणा हमारे ऊपर प्रबल हुई है; और यहोवा की सच्चाई सदा की है याह की स्तुति करो! यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 2 इस्राएल कहे, […]

भजन संहिता 119

1 क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं! 2 क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं! 3 फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं। 4 तू ने […]

भजन संहिता 120

1 संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली। 2 हे यहोवा, झूठ बोलने वाले मुंह से और छली जीभ से मेरी रक्षा कर॥ 3 हे छली जीभ, तुझ को क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए? 4 वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे! 5 […]