1 भारी वचन जिस को हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया॥ 2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख “उपद्रव”, “उपद्रव” चिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा? 3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को […]
Category Archives: हबक्कूक
हबक्कूक 2
1 मैं अपने पहरे पर खड़ा रहूंगा, और गुम्मट पर चढ़ कर ठहरा रहूंगा, और ताकता रहूंगा कि मुझ से वह क्या कहेगा? और मैं अपने दिए हुए उलाहने के विषय में उत्तर दूं? 2 यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे; वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि दौड़ते हुए […]
हबक्कूक 3
1 शिग्योनीत की रीति पर हबक्कूक नबी की प्रार्थना॥ 2 हे यहोवा, मैं तेरी कीर्ति सुन कर डर गया। हे यहोवा, वर्तमान युग में अपने काम को पूरा कर; इसी युग में तू उसको प्रकट कर; क्रोध करते हुए भी दया करना स्मरण कर॥ 3 ईश्वर तेमान से आया, पवित्र ईश्वर परान पर्वत से आ […]