जकर्याह 1

1 दारा के राज्य के दूसरे वर्ष के आठवें महीने में जकर्याह भविष्यद्वक्ता के पास जो बेरेक्याह का पुत्र और इद्दो का पोता था, यहोवा का यह वचन पहुंचा: 2 यहोवा तुम लोगों के पुरखाओं से बहुत ही क्रोधित हुआ था। 3 इसलिये तू इन लोगों से कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है: तुम […]

जकर्याह 2

1 फिर मैं ने आंखें उठाईं तो क्या देखा, कि हाथ में नापने की डोरी लिए हुए एक पुरूष है। 2 तब मैं ने उस से पूछा, तू कहां जाता है? उसने मुझ से कहा, यरूशलेम को नापने जाता हूं कि देखूं उसकी चौड़ाई कितनी, और लम्बाई कितनी है। 3 तब मैं ने क्या देखा, […]

जकर्याह 3

1 फिर उसने यहोशू महायाजक को यहोवा के दूत के साम्हने खड़ा हुआ मुझे दिखाया, और शैतान उसकी दाहिनी ओर उसका विरोध करने को खड़ा था। 2 तब यहोवा ने शैतान से कहा, हे शैतान यहोवा तुझ को घुड़के! यहोवा जो यरूशलेम को अपना लेता है, वही तुझे घुड़के! क्या यह आग से निकाली हुई […]

जकर्याह 4

1 फिर जो दूत मुझ से बातें करता था, उसने आकर मुझे ऐसा जगाया जैसा कोई नींद से जगाया जाए। 2 और उसने मुझ से पूछा, तुझे क्या देख पड़ता है? मैं ने कहा, एक दीवट है, जो सम्पूर्ण सोने की है, और उसका कटोरा उसकी चोटी पर है, और उस पर उसके सात दीपक […]

जकर्याह 5

1 मैं ने फिर आंखें उठाईं तो क्या देखा, कि एक लिखा हुआ पत्र उड़ रहा है। 2 दूत ने मुझ से पूछा, तुझे क्या देख पड़ता है? मैं ने कहा, मुझे एक लिखा हुआ पत्र उड़ता हुआ देख पड़ता है, जिस की लम्बाई बीस हाथ और चौड़ाई दस हाथ की है। 3 तब उसने […]

जकर्याह 6

1 मैं ने फिर आंखें उठाईं, और क्या देखा कि दो पहाड़ों के बीच से चार रथ चले आते हैं; और वे पहाड़ पीतल के हैं। 2 पहिले रथ में लाल घोड़े और दूरे रथ में काले, 3 तीसरे रथ में श्वेत और चौथे रथ में चितकबरे और बादामी घोड़े हैं। 4 तब मैं ने […]

जकर्याह 7

1 फिर दारा राजा के चौथे वर्ष में किसलेव नाम नौवें महीने के चौथे दिन को, यहोवा का वचन जकर्याह के पास पहुंचा। 2 बेतेलवासियों ने शरेसेर और रेगेम्मेलेक को इसलिये भेजा था कि यहोवा से बिनती करें, 3 और सेनाओं के यहोवा के भवन के याजकों से और भविष्यद्वक्ताओं से भी यह पूछें, क्या […]

जकर्याह 8

1 फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 सेनाओं का यहोवा यों कहता है: सिय्योन के लिये मुझे बड़ी जलन हुई वरन बहुत ही जलजलाहट मुझ में उत्पन्न हुई है। 3 यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम […]

जकर्याह 9

1 हद्राक देश के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन जो दमिश्क पर भी पड़ेगा। क्योंकि यहोवा की दृष्टि मनुष्य जाति की, और इस्राएल के सब गोत्रों की ओर लगी है; 2 हमात की ओर जो दमिश्क के निकट है, और सोर और सीदोन की ओर, ये तो बहुत ही बुद्धिमान् हैं। 3 […]

जकर्याह 10

1 बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा मांगो, यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उन को वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजाएगा। 2 क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहने वाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वपन सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों […]