भजन संहिता 81

1 परमेश्वर जो हमारा बल है, उसका गीत आनन्द से गाओ; याकूब के परमेश्वर का जयजयकार करो! 2 भजन उठाओ, डफ और मधुर बजने वाली वीणा और सारंगी को ले आओ। 3 नये चाँद के दिन, और पूर्णमासी को हमारे पर्व के दिन नरसिंगा फूंको। 4 क्योंकि यह इस्त्राएल के लिये विधि, और याकूब के […]

भजन संहिता 82

1 परमेश्वर की सभा में परमेश्वर ही खड़ा है; वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है। 2 तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे? 3 कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन दरिद्र का विचार धर्म से करो। 4 कंगाल और निर्धन को बचा लो; दुष्टों के हाथ […]

भजन संहिता 83

1 हे परमेश्वर मौन न रह; हे ईश्वर चुप न रह, और न शांत रह! 2 क्योंकि देख तेरे शत्रु धूम मचा रहे हैं; और तेरे बैरियों ने सिर उठाया है। 3 वे चतुराई से तेरी प्रजा की हानि की सम्मति करते, और तेरे रक्षित लोगों के विरुद्ध युक्तियां निकालते हैं। 4 उन्होंने कहा, आओ, […]

भजन संहिता 84

1 हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं! 2 मेरा प्राण यहोवा के आंगनों की अभिलाषा करते करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीवते ईश्वर को पुकार रहे॥ 3 हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमेश्वर, तेरी वेदियों मे गौरैया ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला […]

भजन संहिता 85

1 हे यहोवा, तू अपने देश पर प्रसन्न हुआ, याकूब को बन्धुआई से लौटा ले आया है। 2 तू ने अपनी प्रजा के अधर्म को क्षमा किया है; और उसके सब पापों को ढांप दिया है। 3 तू ने अपने रोष को शान्त किया है; और अपने भड़के हुए कोप को दूर किया है॥ 4 […]

भजन संहिता 86

1 हे यहोवा कान लगा कर मेरी सुन ले, क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं। 2 मेरे प्राण की रक्षा कर, क्योंकि मैं भक्त हूं; तू मेरा परमेश्वर है, इसलिये अपने दास का, जिसका भरोसा तुझ पर है, उद्धार कर। 3 हे प्रभु मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तुझी को लगातार पुकारता रहता हूं। […]

भजन संहिता 87

1 उसकी नेव पवित्र पर्वतों में है; 2 और यहोवा सिय्योन के फाटकों को याकूब के सारे निवासों से बढ़ कर प्रीति रखता है। 3 हे परमेश्वर के नगर, तेरे विषय महिमा की बातें कही गई हैं। 4 मैं अपने जान- पहचान वालों से रहब और बाबेल की भी चर्चा करूंगा; पलिश्त, सोर और कूश […]

भजन संहिता 88

1 हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूं। 2 मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुंचे, मेरे चिल्लाने की ओर कान लगा! 3 क्योंकि मेरा प्राण क्लेश में भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुंचा है। 4 मैं कबर में पड़ने वालों में गिना गया […]

भजन संहिता 89

1 मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूंगा; मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी पीढ़ी तक जताता रहूंगा। 2 क्योंकि मैं ने कहा है, तेरी करूणा सदा बनी रहेगी, तू स्वर्ग में अपनी सच्चाई को स्थिर रखेगा। 3 मैं ने अपने चुने हुए से वाचा बान्धी है, मैं ने अपने दास दाऊद से शपथ […]

भजन संहिता 90

1 हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है। 2 इस से पहिले कि पहाड़ उत्पन्न हुए, वा तू ने पृथ्वी और जगत की रचना की, वरन अनादिकाल से अनन्तकाल तक तू ही ईश्वर है॥ 3 तू मनुष्य को लौटा कर चूर करता है, और कहता है, कि हे आदमियों, लौट […]