1 हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए! 2 तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर! 3 मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो […]
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भजन संहिता 72
1 हे परमेश्वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्र को अपना धर्म सिखला! 2 वह तेरी प्रजा का न्याय धर्म से, और तेरे दीन लोगों का न्याय ठीक ठीक चुकाएगा। 3 पहाडों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी 4 वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र […]
भजन संहिता 73
1 सचमुच इस्त्राएल के लिये अर्थात शुद्ध मन वालों के लिये परमेश्वर भला है। 2 मेरे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग फिसलने ही पर थे। 3 क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था॥ 4 क्योंकि उनकी मृत्यु में वेदनाएं नहीं होतीं, परन्तु उनका बल […]
भजन संहिता 74
1 हे परमेश्वर, तू ने हमें क्यों सदा के लिये छोड़ दिया है? तेरी कोपाग्नि का धुआं तेरी चराई की भेंड़ों के विरुद्ध क्यों उठ रहा है? 2 अपनी मण्डली को जिसे तू ने प्राचीन काल में मोल लिया था, और अपने निज भाग का गोत्र होने के लिये छुड़ा लिया था, और इस सिय्योन […]
भजन संहिता 75
1 हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम का धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है॥ 2 जब ठीक समय आएगा तब मैं आप ही ठीक ठीक न्याय करूंगा। 3 पृथ्वी अपने सब रहने वालों समेत डोल रही है, मैं ने उसके खम्भों को […]
भजन संहिता 76
1 परमेश्वर यहूदा में जाना गया है, उसका नाम इस्राएल में महान हुआ है। 2 और उसका मण्डप शालेम में, और उसका धाम सिय्योन में है। 3 वहां उसने चमचमाते तीरों को, और ढाल और तलवार को तोड़कर, निदान लड़ाई ही को तोड़ डाला है॥ 4 हे परमेश्वर तू तो ज्योतिमय है; तू अहेर से […]
भजन संहिता 77
1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा। 2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं। 3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर करके करहाता हूं; […]
भजन संहिता 78
1 हे मेरे लोगों, मेरी शिक्षा सुनो; मेरे वचनों की ओर कान लगाओ! 2 मैं अपना मूंह नीतिवचन कहने के लिये खोलूंगा; मैं प्राचीन काल की गुप्त बातें कहूंगा, 3 जिन बातों को हम ने सुना, ओर जान लिया, और हमारे बाप दादों ने हम से वर्णन किया है। 4 उन्हे हम उनकी सन्तान से […]
भजन संहिता 79
1 हे परमेश्वर अन्यजातियां तेरे निज भग में घुस आई; उन्होंने तेरे पवित्र मन्दिर को अशुद्ध किया; और यरूशलेम को खंडहर कर दिया है। 2 उन्होंने तेरे दासों की लोथों को आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया, और तेरे भक्तों का मांस वनपशुओें को खिला दिया है। 3 उन्होंने उनका लोहू यरूशलेम के चारों […]
भजन संहिता 80
1 हे इस्त्राएल के चरवाहे, तू जो यूसुफ की अगुवाई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो करूबों पर विराजमान है, अपना तेज दिखा! 2 एप्रैम, बिन्यामीन, और मनश्शे के साम्हने अपना पराक्रम दिखा कर, हमारा उद्धार करने को आ! 3 हे परमेश्वर, हम को ज्यों का त्यों कर दे; और अपने मुख […]