प्रेरितों के काम 21

1 जब हम ने उन से अलग होकर जहाज खोला, तो सीधे मार्ग से कोस में आए, और दूसरे दिन रूदुस में, ओर वहां से पतरा में। 2 और एक जहाज फीनीके को जाता हुआ मिला, और उस पर चढ़कर, उसे खोल दिया। 3 जब कुप्रुस दिखाई दिया, जो हम ने उसे बाऐं हाथ छोड़ा, […]

प्रेरितों के काम 22

1 हे भाइयों, और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे साम्हने कहता हूं॥ 2 वे यह सुनकर कि वह हम से इब्रानी भाषा में बोलता है, और भी चुप रहे। तब उस ने कहा; 3 मैं तो यहूदी मनुष्य हूं, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पांवों […]

प्रेरितों के काम 23

1 पौलुस ने महासभा की ओर टकटकी लगाकर देखा, और कहा, हे भाइयों, मैं ने आज तक परमेश्वर के लिये बिलकुल सच्चे विवेक से जीवन बिताया। 2 हनन्याह महायाजक ने, उन को जो उसके पास खड़े थे, उसके मूंह पर थप्पड़ मारने की आज्ञा दी। 3 तब पौलुस ने उस से कहा; हे चूना फिरी […]

प्रेरितों के काम 24

1 पांच दिन के बाद हनन्याह महायाजक कई पुरनियों और तिरतुल्लुस नाम किसी वकील को साथ लेकर आया; उन्होंने हाकिम के साम्हने पौलुस पर नालिश की। 2 जब वह बुलाया गया तो तिरतुल्लुस उस पर दोष लगाकर कहने लगा, कि, हे महाप्रतापी फेलिक्स, तेरे द्वारा हमें जो बड़ा कुशल होता है; और तेरे प्रबन्ध से […]

प्रेरितों के काम 25

1 फेस्तुस उस प्रान्त में पहुंचकर तीन दिन के बाद कैसरिया से यरूशलेम को गया। 2 तब महायाजकों ने, और यहूदियों के बड़े लोगों ने, उसके साम्हने पौलुस की नालिश की। 3 और उसे से बिनती करके उसके विरोध में यह वर चाहा, कि वह उसे यरूशलेम में बुलवाए, क्योंकि वे उसे रास्ते ही में […]

प्रेरितों के काम 26

1 अग्रिप्पा ने पौलुस से कहा; तुझे अपने विषय में बोलने की आज्ञा है: तब पौलुस हाथ बढ़ाकर उत्तर देने लगा, कि, 2 हे राजा अग्रिप्पा, जितनी बातों का यहूदी मुझ पर दोष लगाते हैं, आज तेरे साम्हने उन का उत्तर देने में मैं अपने को धन्य समझता हूं। 3 विशेष करके इसलिये कि तू […]

प्रेरितों के काम 27

1 जब यह ठहराया गया, कि हम जहाज पर इतालिया को जाएं, तो उन्होंने पौलुस और कितने और बन्धुओं को भी यूलियुस नाम औगुस्तुस की पलटन के एक सूबेदार के हाथ सौंप दिया। 2 और अद्रमुत्तियुम के एक जहाज पर जो आसिया के किनारे की जगहों में जाने पर था, चढ़कर हम ने उसे खोल […]

प्रेरितों के काम 28

1 जब हम बच निकले, तो जाना कि यह टापू मिलिते कहलाता है। 2 और उन जंगली लोगों ने हम पर अनोखी कृपा की; क्योंकि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण उन्होंने आग सुलगाकर हम सब को ठहराया। 3 जब पौलुस ने लकिडय़ों का गट्ठा बटोरकर आग पर रखा, तो […]