1 फिर उस ने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया। 2 और उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने, और बिमारों को अच्छा करने के लिये भेजा। 3 और उस ने उससे कहा, मार्ग के लिये कुछ न लेना: न तो लाठी, न झोली, न […]
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लूका 10
1 और इन बातों के बाद प्रभु ने सत्तर और मनुष्य नियुक्त किए और जिस जिस नगर और जगह को वह आप जाने पर था, वहां उन्हें दो दो करके अपने आगे भेजा। 2 और उस ने उन से कहा; पके खेत बहुत हैं; परन्तु मजदूर थोड़े हैं: इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो, […]
लूका 11
1 फिर वह किसी जगह प्रार्थना कर रहा था: और जब वह प्रार्थना कर चुका, तो उसके चेलों में से एक ने उस से कहा; हे प्रभु, जैसे यूहन्ना ने अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखलाया वैसे ही हमें भी तू सिखा दे। 2 उस ने उन से कहा; जब तुम प्रार्थना करो, तो कहो; […]
लूका 12
1 इतने में जब हजारों की भीड़ लग गई, यहां तक कि एक दूसरे पर गिरे पड़ते थे, तो वह सब से पहिले अपने चेलों से कहने लगा, कि फरीसियों के कपटरूपी खमीर से चौकस रहना। 2 कुछ ढपा नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा। 3 इसलिये […]
लूका 13
1 उस समय कुछ लोग आ पहुंचे, और उस से उन गलीलियों की चर्चा करने लगे, जिन का लोहू पीलातुस ने उन ही के बलिदानों के साथ मिलाया था। 2 यह सुन उस ने उन से उत्तर में यह कहा, क्या तुम समझते हो, कि ये गलीली, और सब गलीलियों से पापी थे कि उन […]
लूका 14
1 फिर वह सब्त के दिन फरीसियों के सरदारों में से किसी के घर में रोटी खाने गया: और वे उस की घात में थे। 2 और देखो, एक मनुष्य उसके साम्हने था, जिसे जलन्धर का रोग था। 3 इस पर यीशु ने व्यवस्थापकों और फरीसियों से कहा; क्या सब्त के दिन अच्छा करना उचित […]
लूका 15
1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें। 2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है॥ 3 तब उस ने उन से यह दृष्टान्त कहा। 4 तुम में से कौन है जिस […]
लूका 16
1 फिर उस ने चेलों से भी कहा; किसी धनवान का एक भण्डारी था, और लोगों ने उसके साम्हने उस पर यह दोष लगाया कि यह तेरी सब संपत्ति उड़ाए देता है। 2 सो उस ने उसे बुलाकर कहा, यह क्या है जो मै तेरे विषय में सुन रहा हूं? अपने भण्डारीपन का लेखा दे; […]
लूका 17
1 फिर उस ने अपने चेलों से कहा; हो नहीं सकता कि ठोकरें न लगें, परन्तु हाय, उस मनुष्य पर जिस के कारण वे आती हैं! 2 जो इन छोटों में से किसी एक को ठोकर खिलाता है, उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह समुद्र […]
लूका 18
1 फिर उस ने इस के विषय में कि नित्य प्रार्थना करना और हियाव न छोड़ना चाहिए उन से यह दृष्टान्त कहा। 2 कि किसी नगर में एक न्यायी रहता था; जो न परमेश्वर से डरता था और न किसी मनुष्य की परवाह करता था। 3 और उसी नगर में एक विधवा भी रहती थी: […]