उत्पत्ति 32

1 और याकूब ने भी अपना मार्ग लिया और परमेश्वर के दूत उसे आ मिले। 2 उन को देखते ही याकूब ने कहा, यह तो परमेश्वर का दल है सो उसने उस स्थान का नाम महनैम रखा॥ 3 तब याकूब ने सेईर देश में, अर्थात एदोम देश में, अपने भाई ऐसाव के पास अपने आगे […]

उत्पत्ति 33

1 और याकूब ने आंखें उठा कर यह देखा, कि ऐसाव चार सौ पुरूष संग लिये हुए चला जाता है। तब उसने लड़के बालों को अलग अलग बांट कर लिआ, और राहेल, और दोनों लौंडियों को सौंप दिया। 2 और उसने सब के आगे लड़कों समेत लौंडियों को उसके पीछे लड़कों समेत लिआ: को, और […]

उत्पत्ति 34

1 और लिआ: की बेटी दीना, जो याकूब से उत्पन्न हुई थी, उस देश की लड़कियों से भेंट करने को निकली। 2 तब उस देश के प्रधान हित्ती हमोर के पुत्र शकेम ने उसे देखा, और उसे ले जा कर उसके साथ कुकर्म करके उसको भ्रष्ट कर डाला। 3 तब उसका मन याकूब की बेटी […]

उत्पत्ति 35

1 तब परमेश्वर ने याकूब से कहा, यहां से कूच करके बेतेल को जा, और वहीं रह: और वहां ईश्वर के लिये वेदी बना, जिसने तुझे उस समय दर्शन दिया, जब तू अपने भाई ऐसाव के डर से भागा जाता था। 2 तब याकूब ने अपने घराने से, और उन सब से भी जो उसके […]

उत्पत्ति 36

1 ऐसाव जो एदोम भी कहलाता है, उसकी यह वंशावली है। 2 ऐसाव ने तो कनानी लड़कियां ब्याह लीं; अर्थात हित्ती एलोन की बेटी आदा को, और अहोलीबामा को जो अना की बेटी, और हिव्वी सिबोन की नतिनी थी। 3 फिर उसने इश्माएल की बेटी बासमत को भी, जो नबायोत की बहिन थी, ब्याह लिया। […]

उत्पत्ति 37

1 याकूब तो कनान देश में रहता था, जहां उसका पिता परदेशी हो कर रहा था। 2 और याकूब के वंश का वृत्तान्त यह है: कि यूसुफ सतरह वर्ष का हो कर भाइयों के संग भेड़-बकरियों को चराता था; और वह लड़का अपने पिता की पत्नी बिल्हा, और जिल्पा के पुत्रों के संग रहा करता […]

उत्पत्ति 38

1 उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ, कि यहूदा अपने भाईयों के पास से चला गया, और हीरा नाम एक अदुल्लामवासी पुरूष के पास डेरा किया। 2 वहां यहूदा ने शूआ नाम एक कनानी पुरूष की बेटी को देखा; और उसको ब्याह कर उसके पास गया। 3 वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; […]

उत्पत्ति 39

1 जब यूसुफ मिस्र में पहुंचाया गया, तब पोतीपर नाम एक मिस्री, जो फिरौन का हाकिम, और जल्लादों का प्रधान था, उसने उसको इश्माएलियों के हाथ, से जो उसे वहां ले गए थे, मोल लिया। 2 और यूसुफ अपने मिस्री स्वामी के घर में रहता था, और यहोवा उसके संग था; सो वह भाग्यवान पुरूष […]

उत्पत्ति 40

1 इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ के राजा के पिलानेहारे और पकानेहारे ने अपने स्वामी का कुछ अपराध किया। 2 तब फिरौन ने अपने उन दोनो हाकिमों पर, अर्थात पिलानेहारों के प्रधान, अर पकानेहारों के प्रधान पर क्रोदित होकर 3 उन्हें कैद करा के जल्लादों के प्रधान के घर के उसी बन्दीगृह में, जहां […]

उत्पत्ति 41

1 पूरे दो बरस के बीतने पर फिरौन ने यह स्वप्न देखा, कि वह नील नदी के किनारे पर खड़ा है। 2 और उस नदी में से सात सुन्दर और मोटी मोटी गायें निकल कर कछार की घास चरने लगीं। 3 और, क्या देखा, कि उनके पीछे और सात गायें, जो कुरूप और दुर्बल हैं, […]