भजन संहिता 30

1 हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया। 2 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है। 3 हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ […]

भजन संहिता 31

1 हे यहोवा मेरा भरोसा तुझ पर है; मुझे कभी लज्जित होना न पड़े; तू अपने धर्मी होने के कारण मुझे छुड़ा ले! 2 अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले! 3 क्योंकि तू मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है; इसलिये अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई कर, और मुझे आगे ले […]

भजन संहिता 32

1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो॥ 3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। 4 क्योंकि रात […]

भजन संहिता 33

1 हे धर्मियों यहोवा के कारण जयजयकार करो क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करनी सोहती है। 2 वीणा बजा बजाकर यहोवा का धन्यवाद करो, दस तार वाली सारंगी बजा बजाकर उसका भजन गाओ। 3 उसके लिये नया गीत गाओ, जयजयकार के साथ भली भांति बजाओ॥ 4 क्योंकि यहोवा का वचन सीधा है; और उसका सब […]

भजन संहिता 34

1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी। 2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे। 3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें। 4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन […]

भजन संहिता 35

1 हे यहोवा जो मेरे साथ मुकद्दमा लड़ते हैं, उनके साथ तू भी मुकद्दमा लड़; जो मुझ से युद्ध करते हैं, उन से तू युद्ध कर। 2 ढाल और भाला लेकर मेरी सहायता करने को खड़ा हो। 3 बर्छी को खींच और मेरा पीछा करने वालों के साम्हने आकर उन को रोक; और मुझ से […]

भजन संहिता 36

1 दुष्ट जन का अपराध मेरे हृदय के भीतर यह कहता है कि परमेश्वर का भय उसकी दृष्टि में नहीं है। 2 वह अपने अधर्म के प्रगट होने और घृणित ठहरने के विषय अपने मन में चिकनी चुपड़ी बातें विचारता है। 3 उसकी बातें अनर्थ और छल की हैं; उसने बुद्धि और भलाई के काम […]

भजन संहिता 37

1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर! 2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाईं मुर्झा जाएंगे। 3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह। 4 यहोवा को अपने सुख का […]

भजन संहिता 38

1 हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! 2 क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं। 3 तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ […]

भजन संहिता 39

1 मैं ने कहा, मैं अपनी चाल चलन में चौकसी करूंगा, ताकि मेरी जीभ से पाप न हो; जब तक दुष्ट मेरे साम्हने है, तब तक मैं लगाम लगाए अपना मुंह बन्द किए रहूंगा। 2 मैं मौन धारण कर गूंगा बन गया, और भलाई की ओर से भी चुप्पी साधे रहा; और मेरी पीड़ा बढ़ […]