1 यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया। 2 और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया। और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया। 3 और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उस में […]
Monthly Archives: October 2017
उत्पत्ति 3
1 यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना? 2 स्त्री ने सर्प से कहा, इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं। 3 […]
उत्पत्ति 4
1 जब आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती हो कर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है। 2 फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान […]
उत्पत्ति 5
1 आदम की वंशावली यह है। जब परमेश्वर ने मनुष्य की सृष्टि की तब अपने ही स्वरूप में उसको बनाया; 2 उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्टि के दिन उनका नाम आदम रखा। 3 जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा […]
उत्पत्ति 6
1 फिर जब मनुष्य भूमि के ऊपर बहुत बढ़ने लगे, और उनके बेटियां उत्पन्न हुई, 2 तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं; सो उन्होंने जिस जिस को चाहा उन से ब्याह कर लिया। 3 और यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न […]
उत्पत्ति 7
1 और यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी देखा है। 2 सब जाति के शुद्ध पशुओं में से तो तू सात सात, अर्थात नर और मादा लेना: पर जो पशु शुद्ध नहीं […]
उत्पत्ति 8
1 और परमेश्वर ने नूह की, और जितने बनैले पशु, और घरेलू पशु उसके संग जहाज में थे, उन सभों की सुधि ली: और परमेश्वर ने पृथ्वी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा। 2 और गहिरे समुद्र के सोते और आकाश के झरोखे बंद हो गए; और उससे जो वर्षा होती थी सो भी […]
उत्पत्ति 9
1 फिर परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी और उन से कहा कि फूलो-फलो, और बढ़ो, और पृथ्वी में भर जाओ। 2 और तुम्हारा डर और भय पृथ्वी के सब पशुओं, और आकाश के सब पक्षियों, और भूमि पर के सब रेंगने वाले जन्तुओं, और समुद्र की सब मछलियों पर बना रहेगा: […]
उत्पत्ति 10
1 नूह के पुत्र जो शेम, हाम और येपेत थे उनके पुत्र जलप्रलय के पश्चात उत्पन्न हुए: उनकी वंशावली यह है॥ 2 येपेत के पुत्र: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास हुए। 3 और गोमेर के पुत्र: अशकनज, रीपत, और तोगर्मा हुए। 4 और यावान के वंश में एलीशा, और तर्शीश, और कित्ती, […]
उत्पत्ति 11
1 . सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी। 2 उस समय लोग पूर्व की और चलते चलते शिनार देश में एक मैदान पाकर उस में बस गए। 3 तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के […]