यिर्मयाह 11

1 यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा: 2 इस वाचा के वचन सुनो, और यहूदा के पुरुषों और यरूशलेम के रहने वालों से कहो। 3 उन से कहो, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह मनुष्य, जो इस वाचा के वचन न माने 4 जिसे मैं ने तुम्हारे पुरखाओं के […]

यिर्मयाह 12

1 हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूं, तौभी तू धमीं है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं? 2 तू उन को बोता और वे जड़ भी पकड़ते; वे बढ़ते और फलते भी हैं; […]

यिर्मयाह 13

1 यहोवा ने मुझ से यों कहा, जा कर सनी की एक पेटी मोल ले, उसे कमर में बान्ध और जल में मत भीगने दे। 2 तब मैं ने एक पेटी मोल ले कर यहोवा के वचन के अनुसार अपनी कमर में बान्ध ली। 3 तब तूसरी बार यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा […]

यिर्मयाह 14

1 यहोवा का वचन जो यिर्मयाह के पास सूखे वर्ष के विषय में पहुंचा: 2 यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहिरावा पहिने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुंच गई है। 3 और उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के लिये भेजते हैं; […]

यिर्मयाह 15

1 फिर यहोवा ने मुझ से कहा, यदि मूसा और शमूएल भी मेरे साम्हने खड़े होते, तौभी मेरा मन इन लोगों की ओर न फिरता। इन को मेरे साम्हने से निकाल दो कि वे निकल जाएं! 2 और यदि वे तुझ से पूछें कि हम कहां निकल जाएं? तो कहना कि यहोवा यों कहता है, […]

यिर्मयाह 16

1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 इस स्थान में विवाह कर के बेटे-बेटियां मत जन्मा। 3 क्योंकि जो बेटे-बेटियां इस स्थान में उत्पन्न हों और जो माताएं उन्हें जनें और जो पिता उन्हें इस देश में जन्माएं, 4 उनके विषय यहोवा यों कहता है, वे बुरी बुरी बीमारियों से मरेंगे। उनके लिये […]

यिर्मयाह 17

1 यहूदा का पाप लोहे की टांकी और हीरे की नोक से लिखा हुआ है; वह उनके हृदयरूपी पटिया और उनकी वेदियों के सींगों पर भी खुदा हुआ है। 2 उनकी वेदियां और अशेरा नाम देवियां जो हरे पेड़ों के पास और ऊंचे टीलों के ऊपर हैं, वे उनके लड़कों को भी स्मरण रहती हैं। […]

यिर्मयाह 18

1 यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा, उठ कर कुम्हार के घर जा, 2 और वहां मैं तुझे अपने वचन सुनवाऊंगा। 3 सो मैं कुम्हार के घर गया और क्या देखा कि वह चाक पर कुछ बना रहा है! 4 और जो मिट्टी का बासन वह बना रहा था वह बिगड़ […]

यिर्मयाह 19

1 यहोवा ने यों कहा, तू जा कर कुम्हार से मिट्टी की बनाई हुई एक सुराही मोल ले, और प्रजा के कुछ पुरनियों में से और याजकों में से भी कुछ प्राचीनों को साथ ले कर, 2 हिन्नोमियों की तराई की ओर उस फाटक के निकट चला जा जहां ठीकरे फेंक दिए जाते हैं; और […]

यिर्मयाह 20

1 जब यिर्मयाह यह भविष्यद्वाणी कर रहा था, तब इम्मेर का पुत्र पशहूर ने जो याजक और यहोवा के भवन का प्रधान रखवाला था, वह सब सुना। 2 सो पशहूर ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को मारा और उसे उस काठ में डाल दिया जो यहोवा के भवन के ऊपर बिन्यामीन के फाटक के पास है। 3 […]