यहेजकेल 11

1 तब आत्मा ने मुझे उठा कर यहोवा के भवन के पूवीं फाटक के पास जिसका मुंह पूवीं दिशा की ओर है, पहुंचा दिया; और वहां मैं ने क्या देखा, कि फाटक ही में पच्चीस पुरुष हैं। और मैं ने उनके बीच अज्जूर के पुत्र याजन्याह को और बनायाह के पुत्र पलत्याह को देखा, जो […]

यहेजकेल 12

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, तू बलवा करने वाले घराने के बीच में रहता है, जिनके देखने के लिये आंखें तो हैं, परन्तु नहीं देखते; और सुनने के लिये कान तो हैं परन्तु नहीं सुनते; क्योंकि वे बलवा करने वाले घराने के हैं। 3 इसलिये हे […]

यहेजकेल 13

1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के जो भविष्यद्वक्ता अपने ही मन से भविष्यवाणी करते हैं, उनके विरुद्ध भविष्यवाणी कर के तू कह, यहोवा का वचन सुनो। 3 प्रभु यहोवा यों कहता है, हाय, उन मूढ़ भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपनी ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, […]

यहेजकेल 14

1 फिर इस्राएल के कितने पुरनिये मेरे पास आकर मेरे साम्हने बैठ गए। 2 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 3 हे मनुष्य के सन्तान, इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित कीं, और अपने अधर्म की ठोकर अपने साम्हने रखी है; फिर क्या वे मुझ से कुछ भी पूछने […]

यहेजकेल 15

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, सब वृक्षों में अंगूर की लता की क्या श्रेष्टता है? अंगूर की शाखा जो जंगल के पेड़ों के बीच उत्पन्न होती है, उस में क्या गुण है? 3 क्या कोई वस्तु बनाने के लिये उस में से लकड़ी ली जाती, वा […]

यहेजकेल 16

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, यरूशलेम को उसके सब घृणित काम जता दे। 3 और उस से कह, हे यरूशलेम, प्रभु यहोवा तुझ से यों कहता है, तेरा जन्म और तेरी उत्पत्ति कनानियों के देश से हुई; तेरा पिता तो एमोरी और तेरी माता हित्तिन थी। […]

यहेजकेल 17

1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के घराने से यह पहेली और दृष्टान्त कह; प्रभू यहोवा यों कहता है, 3 एक लम्बे पंख वाले, परों से भरे और रंग बिरंगे बड़े उकाब पड़ी ने लबानोन जा कर एक देवदार की फुनगी नोच ली। 4 तब उसने उस […]

यहेजकेल 18

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 तुम लोग जो इस्राएल के देश के विषय में यह कहावत कहते हो, कि जंगली अंगूर तो पुरखा लोग खाते, परन्तु दांत खट्टे होते हैं लड़के-बालों के। इसका क्या अर्थ है? 3 प्रभु यहोवा यों कहता है कि मेरे जीवन की शपथ, तुम को इस्राएल […]

यहेजकेल 19

1 और इस्राएल के प्रधानों के विषय तू यह विलापगीत सुना, 2 तेरी माता एक कैसी सिंहनी थी! वह सिंहों के बीच बैठा करती और अपने बच्चों को जवान सिंहों के बीच पालती पोसती थी। 3 अपने बच्चों में से उसने एक को पाला और वह जवान सिंह हो गया, और अहेर पकड़ना सीख गया; […]

यहेजकेल 20

1 सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे साम्हने बैठ गए। 2 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 3 हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएली पुरनियों से यह कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, क्या तुम मुझ से प्रश्न करने […]