भजन संहिता 11

1 मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकर मेरे प्राण से कह सकते हो कि पक्षी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा? 2 क्योंकि देखो, दुष्ट अपना धनुष चढ़ाते हैं, और अपना तीर धनुष की डोरी पर रखते हैं, कि सीधे मन वालों पर अन्धियारे में तीर चलाएं। 3 यदि नेवें ढ़ा दी जाएं […]

भजन संहिता 12

1 .हे परमेश्वर बचा ले, क्योंकि एक भी भक्त नहीं रहा; मनुष्यों में से विश्वास योग्य लोग मर मिटे हैं। 2 उन में से प्रत्येक अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के ओठों से दो रंगी बातें करते हैं॥ 3 प्रभु सब चापलूस ओठों को और उस जीभ को जिस से बड़ा […]

भजन संहिता 13

1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? 2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? 3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी […]

भजन संहिता 14

1 मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। 2 परमेश्वर ने स्वर्ग में से मनुष्यों पर दृष्टि की है, कि देखे कि कोई बुद्धिमान, कोई परमेश्वर का खोजी है या नहीं। 3 वे सब के सब भटक गए, वे […]

भजन संहिता 15

1 हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा? 2 वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है; 3 जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपने मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता […]

भजन संहिता 16

1 हे ईश्वर मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूं। 2 मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं। 3 पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, वे ही आदर के योग्य हैं, और उन्हीं से मैं प्रसन्न रहता हूं। 4 जो पराए देवता […]

भजन संहिता 17

1 हे यहोवा परमेश्वर सच्चाई के वचन सुन, मेरी पुकार की ओर ध्यान दे। मेरी प्रार्थना की ओर जो निष्कपट मुंह से निकलती है कान लगा। 2 मेरे मुकद्दमे का निर्णय तेरे सम्मुख हो! तेरी आंखें न्याय पर लगी रहें! 3 तू ने मेरे हृदय को जांचा है; तू ने रात को मेरी देखभाल की, […]

भजन संहिता 18

1 हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं। 2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। 3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है […]

भजन संहिता 19

1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 3 न तोकोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज […]

भजन संहिता 20

1 संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमेश्वर का नाम तुझे ऊंचे स्थान पर नियुक्त करे! 2 वह पवित्र स्थान से तेरी सहायता करे, और सिय्योन से तुझे सम्भाल ले! 3 वह तेरे सब अन्नबलियों को स्मरण करे, और तेरे होमबलि को ग्रहण करे। 4 वह तेरे मन की इच्छा को पूरी […]